मूसलधार बारिश से तबाही, गंगा-यमुना उफान पर, पोंग बांध पर खतरे की घंटी, कई राज्यों में अलर्ट

नई दिल्ली। देशभर में सक्रिय मानसून इस समय उत्तर भारत के कई राज्यों में तबाही मचा रहा है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में भारी बारिश, बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल: मंडी में बादल फटा, 3 मौतें, 10 लापता

हिमाचल प्रदेश में बीते 48 घंटों से मूसलाधार बारिश हो रही है। मंडी जिले में 4 जगह बादल फटने की घटना से भारी तबाही हुई है। बाढ़ और लैंडस्लाइड के कारण 3 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 10 से ज्यादा लोग लापता हैं। लगभग 20 मकानों को नुकसान पहुंचा है।
कुकलाह में एक पुल और कई वाहन बाढ़ में बह गए। मंडी शहर के नाले उफान पर हैं और सड़कों पर मलबा जमा हो गया है। मनाली-मंडी फोरलेन हाईवे पर बनी एक सुरंग के ऊपर से पहाड़ी मलबा गिरा है, जिससे यातायात बाधित है।

पोंग बांध का जलस्तर बढ़ा

हिमाचल के पोंग बांध की महाराणा प्रताप झील का जलस्तर 1310.40 फीट तक पहुंच गया है। वर्तमान में बांध से 35 क्यूसेक के आसपास पानी छोड़ा जा रहा है। हालांकि बांध की अधिकतम क्षमता 1400 फीट है, प्रशासन इसे 1390 फीट तक ही भरने की अनुमति देता है। आगामी बारिश से जलस्तर और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट, कई स्कूल बंद

उत्तराखंड में भी बारिश का कहर जारी है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। बागेश्वर में सरयू नदी उफान पर है और कई जिलों में स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
उत्तरकाशी के सिलाई बैंड इलाके में बादल फटने से कई लोग लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन भी जारी है।

हरियाणा: यमुना में बाढ़, डंपर-जेसीबी बहे

हरियाणा के करनाल में यमुना नदी में अचानक आई बाढ़ से हड़कंप मच गया। रेत खनन के लिए खड़े तीन डंपर और एक जेसीबी मशीन पानी में डूब गई। हालात इतने तेजी से बिगड़े कि वाहन में सो रहे ड्राइवरों को भागने का मौका तक नहीं मिला।
गाड़ियों की छत पर चढ़कर लोगों ने अपनी जान बचाई। नाव के जरिए रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित निकाला गया।

सावधानी की अपील

प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि पहाड़ी और नदी किनारे के इलाकों में यात्रा से बचें, सतर्क रहें और मौसम अपडेट पर नजर रखें। रेड अलर्ट के चलते कई स्थानों पर सड़कें बंद की गई हैं और राहत टीमें सक्रिय हैं।

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