भिलाईनगर। दुर्ग-भिलाई में पुलिस ने कई ऐसे हॉट स्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां नाबालिग अक्सर नशे की लत में फंसे पाए जाते हैं। इन बच्चों के जीवन को सही दिशा देने और उन्हें नशामुक्त बनाने के लिए पुलिस ने नई पहल शुरू की है। आगामी समय में इन नाबालिगों को नशामुक्ति केंद्र में भर्ती किया जाएगा, जहां उन्हें शिक्षा और नैतिक मूल्यों की सीख दी जाएगी।
दुर्ग के एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि नशे की आदत के कारण नाबालिग चोरी, लूट, नकबजनी, मारपीट और अन्य अपराधों में लिप्त हो रहे हैं। वर्ष 2023 में 142, 2024 में 130 और 2025 (अप्रैल तक) में 49 ऐसे अपराध पंजीकृत हुए हैं, जो बच्चों के भविष्य के लिए चिंताजनक हैं।
नशामुक्ति केंद्र की योजना
वर्तमान में दुर्ग जिले में नाबालिगों के लिए कोई नशामुक्ति केंद्र नहीं है। इस कमी को देखते हुए पुलिस ने दुर्ग में 50 और भिलाई में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले नशामुक्ति केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इन केंद्रों में बच्चों को मनोवैज्ञानिक परामर्श, चिकित्सकीय उपचार और शिक्षा दी जाएगी।
प्रथम चरण में 50 बच्चों (दो बैचों में 25-25) और द्वितीय चरण में 50 बच्चों को नशामुक्त किया जाएगा। इस कार्य के लिए कल्याणी समाज सेवा एवं अनुसंधान संगठन, भिलाई ने सहमति जताई है। प्रस्ताव के अनुसार 25 बच्चों के लिए वार्षिक बजट 46,08,000 रुपये है, जबकि 100 नाबालिगों के नशा उन्मूलन पर कुल 1,84,32,000 रुपये खर्च होने की संभावना है।
एसएसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि कलेक्टर को पत्र भेजकर महिला एवं बाल विकास विभाग से अनुमोदन मांगा गया है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो यह पहल नाबालिगों के जीवन में बदलाव लाकर उन्हें समाज के आदर्श नागरिक बनाने में मददगार साबित होगी।