डेस्क : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नए निर्देशों के कारण अब PhonePe, Paytm और Amazon Pay जैसे मोबाइल ऐप्स के ज़रिए क्रेडिट कार्ड से किराया भरना संभव नहीं होगा। 15 सितंबर 2025 को RBI ने एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया कि पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे केवल उन्हीं व्यापारियों के साथ लेन-देन कर सकते हैं जिनका उनके साथ प्रत्यक्ष अनुबंध हो और जिनकी केवाईसी पूरी हो। चूँकि अधिकांश मकान मालिक इन प्लेटफॉर्म्स पर व्यापारी के रूप में पंजीकृत नहीं होते, इसलिए उनके खाते में सीधे क्रेडिट कार्ड से किराया ट्रांसफर अब रोक दिया गया है।
यह बदलाव उन उपभोक्ताओं के लिए बड़ा झटका है जो हर महीने क्रेडिट कार्ड से किराया भरकर रिवॉर्ड प्वाइंट्स और कैशबैक पाते थे। कई लोग ब्याज-मुक्त क्रेडिट पीरियड का लाभ उठाकर अपनी मासिक वित्तीय योजना बनाते थे। साथ ही, डिजिटल भुगतान की सुविधा से किराया देने में आसानी होती थी। अब ये सभी फायदे खत्म हो जाएंगे और किराएदारों को पुराने तरीकों पर लौटना होगा।
बैंक पहले से ही इस व्यवस्था को लेकर सतर्क थे। HDFC बैंक ने जून 2024 में क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान पर 1% शुल्क लगाना शुरू कर दिया था। वहीं, ICICI बैंक और SBI कार्ड्स ने ऐसे भुगतानों पर रिवॉर्ड प्वाइंट्स देना पहले ही बंद कर दिया था। कुछ मोबाइल ऐप्स ने भी मार्च 2024 से इस सेवा को अस्थायी रूप से रोक दिया था, लेकिन अब यह पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
अब किराया चुकाने के लिए किराएदारों को अन्य विकल्प अपनाने होंगे। इनमें सीधे बैंक ट्रांसफर जैसे NEFT, RTGS और IMPS सबसे प्रमुख हैं। इसके अलावा UPI पेमेंट, चेक या नकद भुगतान का भी सहारा लिया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि RBI का यह कदम डिजिटल लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ाने और संभावित धोखाधड़ी रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। हालांकि, इससे उन उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ेगी जो हर महीने क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान कर वित्तीय लाभ और सुविधा लेते थे।
लगभग सभी प्रमुख फिनटेक प्लेटफॉर्म्स ने यह सेवा बंद कर दी है और फिलहाल इसके पुनः शुरू होने की कोई संभावना नहीं दिख रही।