रायपुर| अब सरकारी कार्यालयों का नजारा बदलने वाला है। प्रदेश सरकार ने सुशासन और कार्यालयीन पारदर्शिता को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य शासन के सुशासन एवं अभिशरण विभाग ने सभी सरकारी कार्यालयों में वर्षों से जमा पुरानी फाइलों को 60 दिनों के भीतर नष्ट करने का निर्देश दिया है।
इस संबंध में विभाग ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों को पत्र जारी कर स्पष्ट कहा है कि शासन के विभिन्न विभागों में कई सालों से जमा अभिलेखों और फाइलों के कारण रिकॉर्ड रूम और कार्यालयों की आलमारियां पूरी तरह से भर चुकी हैं। इससे न केवल कार्यस्थल अव्यवस्थित हो गया है, बल्कि आवश्यक दस्तावेजों तक समय पर पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है।
शासन के मुताबिक, अभिलेखों के विनष्टीकरण (नष्ट करने) के लिए पहले से ही नियम और प्रावधान तय हैं। कुछ निर्देश सभी विभागों पर समान रूप से लागू होते हैं, जबकि कुछ नियम विभाग विशेष के अनुसार बनाए गए हैं। इन निर्देशों के तहत तय समय-सीमा से अधिक पुराने दस्तावेज, जो अब किसी उपयोग के नहीं हैं, उन्हें नियमबद्ध प्रक्रिया से हटाया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इस अभियान से न केवल कार्यालयों में स्थान खाली होगा बल्कि फाइलों की भीड़ से राहत मिलने के साथ-साथ कार्यालयों की साफ-सफाई और व्यवस्था में भी सुधार होगा। मुख्यमंत्री की मंशा है कि यह अभियान एक मिशन के रूप में चलाया जाए और सभी विभाग सक्रिय रूप से इसमें भाग लें।
इसके लिए विभाग द्वारा एक प्रारूप भी तैयार किया गया है, जिसमें प्रत्येक सप्ताह की गई कार्रवाई की जानकारी देनी होगी। इससे अभियान की प्रगति की निगरानी भी की जा सकेगी।