बिलासपुर: ग्राम रहंगी (बिल्हा ब्लॉक) के मुक्तिधाम में रविवार को पहुंचे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा वहां की अव्यवस्था और गंदगी देखकर अचंभित रह गए। वे हाईकोर्ट के एक न्यायिक अधिकारी के पिता की अंत्येष्टि में शामिल होने आए थे।
चीफ जस्टिस ने देखा कि मुक्तिधाम में न तो बाउंड्रीवॉल है और न ही साफ-सफाई की व्यवस्था। रास्ते गड्ढों से भरे हुए थे, जहां बारिश का पानी जमा था। जगह-जगह झाड़ियां और जंगली घास उगी हुई थी, जिससे सांप और जहरीले कीड़ों का खतरा बना रहता है। वहीं अंतिम संस्कार के बाद का कचरा, कपड़े और शराब की बोतलें भी इधर-उधर फैली पड़ी थीं।
इस बदहाल स्थिति को देखकर चीफ जस्टिस ने इसे जनहित याचिका मानकर स्वतः संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू की। दशहरा अवकाश के बावजूद सोमवार को विशेष सुनवाई करते हुए उन्होंने राज्य सरकार, कलेक्टर और ग्राम पंचायत को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
कोर्ट ने कहा कि मृत्यु के बाद शव को सम्मानजनक विदाई देना हर नागरिक का संवैधानिक और मौलिक अधिकार है। साथ ही, हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव, पंचायत सचिव और बिलासपुर कलेक्टर से व्यक्तिगत शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।