मानसून में बीमारियों से बचाव के लिए इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा: सेहतमंद रहने का घरेलू उपाय

डेस्क : मानसून का मौसम अपने साथ हरियाली, ठंडी हवाएं और बारिश की फुहारें तो लाता है, लेकिन इसके साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। इस मौसम में वातावरण में नमी अधिक हो जाती है, जिससे बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, मच्छर और अन्य कीट-पतंगे तेजी से पनपते हैं। नतीजतन, सर्दी-जुकाम, फ्लू, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं। इस समय पाचन तंत्र भी कमजोर हो जाता है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) घटने लगती है। ऐसे में बीमारियों से बचने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी हो जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून के दौरान शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व (न्यूट्रिएंट्स) मिलना चाहिए, जिससे संक्रमणों से लड़ने की ताकत बनी रहे। पानी की सही मात्रा के साथ-साथ ज़िंक, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स और विटामिन C, D और E की भरपूर मात्रा भी आवश्यक होती है। इसके अलावा हेल्दी और बैलेंस डाइट लेना और बाहर के खाने से परहेज़ करना बहुत जरूरी है।

इम्यूनिटी को मजबूत करने के घरेलू उपाय

भारतीय रसोई में मौजूद कई ऐसी जड़ी-बूटियां और मसाले हैं जो मानसून में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में कारगर हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं – हल्दी, अदरक, तुलसी, दालचीनी और गिलोय। इनसे बने काढ़ा (हर्बल टी) का नियमित सेवन आपको मौसमी बीमारियों से बचा सकता है। आइए जानते हैं दो प्रभावशाली और आसान काढ़ा रेसिपी:

1. इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा

सामग्री:

  • 1 छोटा टुकड़ा अदरक (कूटा हुआ)
  • 5-6 तुलसी की पत्तियां
  • 4-5 काली मिर्च (क्रश की हुई)
  • 1 छोटा टुकड़ा कच्ची हल्दी (कद्दूकस की हुई)
  • 2 कप पानी
  • स्वादानुसार शहद या गुड़

बनाने की विधि:

  • एक पैन में 2 कप पानी डालें और गैस पर चढ़ाएं।
  1. अब उसमें अदरक, तुलसी की पत्तियां, काली मिर्च और कद्दूकस की हुई हल्दी डाल दें।
  2. धीमी आंच पर 10 मिनट तक उबालें, जब तक पानी लगभग आधा न रह जाए।
  3. अब इस काढ़े को छान लें और थोड़ा ठंडा होने दें।
  4. गुनगुना होने पर इसमें स्वादानुसार शहद या गुड़ मिलाएं और धीरे-धीरे पिएं।

फायदे:
यह काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। सर्दी, खांसी, गले की खराश और सामान्य फ्लू में राहत देता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।

2. गिलोय का काढ़ा

  • सामग्री:
  • 2 से 3 टुकड़े गिलोय (प्रत्येक 3-4 इंच के)
  • ½ चम्मच दालचीनी पाउडर या 1 छोटा टुकड़ा दालचीनी
  • 3-4 तुलसी की पत्तियां
  • 2 कप पानी
  • कुछ बूंदें नींबू का रस

बनाने की विधि:

  1. एक बर्तन में 2 कप पानी लें।
  2. उसमें गिलोय को क्रश करके डालें।
  3. अब उसमें दालचीनी और तुलसी की पत्तियां डालें।
  4. इस मिश्रण को धीमी आंच पर 10-15 मिनट तक उबालें।
  5. अब काढ़े को छान लें और हल्का ठंडा होने पर इसमें नींबू का रस मिला लें।

फायदे:
गिलोय को आयुर्वेद में ‘अमृता’ कहा गया है, यानी अमृत के समान। यह काढ़ा न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया में भी लाभ पहुंचाता है। नींबू का रस इसमें विटामिन C की मात्रा को बढ़ाकर इसे और अधिक असरदार बनाता है।

ध्यान रखने योग्य बातें:

  • काढ़ा को अधिक मात्रा में न लें, दिन में एक या दो बार पर्याप्त है।
  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं को सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
  • मधुमेह रोगी शहद या गुड़ से परहेज़ करें।

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