
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को हाउसिंग बोर्ड की वन टाइम सेटलमेंट (OTS) स्कीम को लेकर जोरदार चर्चा हुई। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार को OTS योजना के तहत अब तक 658 करोड़ रुपये की आमदनी हो चुकी है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पूर्व में बिना मांग के मकान बनाना एक बड़ी गलती थी, जिससे हाउसिंग बोर्ड को नुकसान हुआ।
मंत्री चौधरी ने बताया कि: OTS के पहले चरण में 2,506 मकानों की बिक्री हुई, जिससे सरकार को 511 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। दूसरे चरण में 995 मकान बिके और इससे 147 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। कुल मिलाकर OTS स्कीम के जरिए 658 करोड़ रुपये जुटाए गए।
भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने इस पर सवाल उठाया कि जब मकानों की मांग ही नहीं थी, तो निर्माण क्यों किया गया? इस पर मंत्री चौधरी ने माना कि बिना डिमांड के मकान बनाकर हाउसिंग बोर्ड को घाटा हुआ। उन्होंने कहा कि नुकसान का पूरा आंकड़ा जल्द ही सदन में प्रस्तुत किया जाएगा।
अब लागू होगी नई नीति
- मंत्री ने बताया कि अब राज्य सरकार ने नई आवास नीति लागू की है:
- किसी भी हाउसिंग प्रोजेक्ट को तभी लॉन्च किया जाएगा जब 30% प्री-बुकिंग हो चुकी हो।
- 60% प्री-बुकिंग होने के बाद ही टेंडर जारी किए जाएंगे।
- यानी अब बिना मांग के मकान नहीं बनाए जाएंगे।
मकानों की वर्तमान स्थिति
मंत्री ने सदन को बताया कि अब तक 80,870 मकान बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 78,503 मकान बिक चुके हैं।
वर्तमान में केवल 2,367 मकान बिक्री के लिए शेष हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में योजनाएं जनता की जरूरत और मांग के अनुसार ही बनाई जाएंगी।