वॉशिंगटन/नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर लगातार गहराता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कदम को लेकर अब अमेरिका के भीतर भी सवाल उठने लगे हैं। भारत में अमेरिका के पूर्व प्रभारी डोनाल्ड हेफ्लिन ने ट्रंप के फैसले को “काफी जटिल” बताया है।
इसी बीच ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकार एवं अमेरिकी राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक केविन हैसेट ने भारत सरकार को खुली चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद पर लगाम लगाने में विफल रहता है, तो राष्ट्रपति ट्रंप किसी भी हाल में भारत पर लगाए गए टैरिफ वापस नहीं लेंगे।
हैसेट ने कहा कि अमेरिका-भारत की व्यापार वार्ता अब “जटिल” हो चुकी है और भारत अमेरिकी उत्पादों के लिए अपने बाजार खोलने में “अड़ियल रवैया” अपना रहा है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा— “अगर भारत नहीं झुकेगा, तो ट्रंप भी झुकने वालों में से नहीं हैं।”
बुधवार को अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है, जो ब्राजील को छोड़कर किसी भी देश पर सबसे अधिक है। इसमें भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल कर दिया गया है।
हैसेट ने दावा किया कि ट्रंप ने यह कदम केवल इसलिए उठाया है ताकि रूस पर दबाव बनाकर “शांति समझौता” कराया जा सके और लाखों लोगों की जान बचाई जा सके।