परमाणु मुद्दे पर ईरान का साफ रुख: राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं

तेहरान/नई दिल्ली। अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के उद्देश्य से किए गए हमलों के बावजूद, ईरान ने एक बार फिर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने दो टूक कहा है कि भले ही हमलों से देश के परमाणु ठिकानों को गंभीर क्षति पहुंची हो, लेकिन ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन (एनरिचमेंट) कार्यक्रम को नहीं छोड़ेगा।

अराघची ने स्वीकार किया कि पिछले महीने हुए अमेरिकी हमलों से परमाणु ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है, जिस कारण फिलहाल यूरेनियम संवर्धन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल तकनीकी कारणों से है, ईरान अपनी रणनीतिक योजनाओं से पीछे नहीं हटेगा

“यूरेनियम एनरिचमेंट प्रोग्राम हमारे वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत का परिणाम है। यह हमारे देश की स्वाभिमान और तकनीकी ताकत का प्रतीक है, जिसे हम किसी भी दबाव में आकर नहीं छोड़ेंगे,” अराघची ने कहा।

मिसाइल निर्माण भी जारी रहेगा

ईरान के विदेश मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि उनका देश मिसाइलों के विकास और निर्माण को भी जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि यह ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा नीति का एक अहम हिस्सा है, जिसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

अमेरिका से सीधे संवाद से इनकार, यूरोप से बातचीत को तैयार

अब्बास अराघची का यह बयान उस वक्त आया है जब ईरान जल्द ही इस्तांबुल में जर्मनी, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर कूटनीतिक बातचीत करने के लिए तैयार है।
हालांकि अमेरिका से सीधे संवाद की संभावना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा,

“हम अमेरिका से फिलहाल सीधे बातचीत नहीं करेंगे। लेकिन अगर अमेरिकी प्रतिबंध हटाए जाते हैं, तो हम यह साबित करने को तैयार हैं कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।”

अंतरराष्ट्रीय दबाव से बेअसर दिखा ईरान

गौरतलब है कि अमेरिका और इजरायल लंबे समय से ईरान पर परमाणु हथियारों के विकास का आरोप लगाते रहे हैं और इसी क्रम में हाल ही में ईरानी ठिकानों पर हमले भी किए गए। लेकिन इन हमलों के बावजूद ईरान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह राष्ट्रीय हितों और वैज्ञानिक उपलब्धियों से कोई समझौता नहीं करेगा।

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