भिलाई। शहर के कैंप-2 टाटा लाइन क्षेत्र में पीलिया ने धीरे-धीरे पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। अब तक इस इलाके में पीलिया के 8 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। सोमवार को एक 17 वर्षीय किशोरी में पीलिया की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम में हड़कंप मच गया। किशोरी के परिजनों ने बताया कि उसे पेट दर्द, बुखार, उल्टी और आंखों में पीलापन की शिकायत के बाद जांच कराई गई, जिसमें पीलिया की पुष्टि हुई है। इलाज के लिए परिजनों ने आयुर्वेदिक पद्धति को अपनाया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 256 घरों का सर्वे किया
स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को कैंप-2 टाटा लाइन के 256 घरों में डोर-टू-डोर सर्वे कराया। सर्वे में दो पूर्व में इलाजरत मरीजों के अलावा 4 नए संभावित मरीज मिले हैं, जिन्हें सुपेला अस्पताल में जांच कराने की सलाह दी गई है। स्थानीय लोग पहले ही घरों में मटमैला पानी देखकर उबाल कर या फिल्टर पानी पीने लगे थे, मगर स्वास्थ्य विभाग ने भी सख्त हिदायत दी है कि बिना उबाले पानी का सेवन न करें।
निगम ने शुरू की टैंकर से शुद्ध पानी की आपूर्ति
पानी की गुणवत्ता को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद नगर निगम ने ग्राउंड पर नालियों की सफाई और टैंकरों के जरिए घर-घर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शुरू कर दी है। बीएसपी ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 15 घरों से पानी के सैंपल लेकर अपनी लैब में जांच के लिए भेजा है। नगर सेवाएं विभाग का दावा है कि कैंप-1 और 2 में उनके द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पानी में किसी प्रकार की गंदगी नहीं है।
मोहल्ला स्तर पर अलर्ट सिस्टम फेल, लापरवाही उजागर
स्वास्थ्य विभाग के पास बीमारी की सूचना के लिए दोहरी व्यवस्था—मितानिनों/एएनएम की सूचना प्रणाली और निजी पैथोलॉजी की रिपोर्ट—मौजूद है। बावजूद इसके टाटा लाइन में पीलिया फैलता रहा और जिम्मेदार अधिकारियों को समय पर भनक तक नहीं लगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ऐसी लापरवाही जारी रही तो स्थिति भयावह होने में देर नहीं लगेगी।
मृतक की लीवर संबंधी पुरानी बीमारी की पुष्टि
कैंप-1 में पीलिया से एक मरीज की मौत की खबर के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृतक के परिजनों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। जिला सर्विलेंस अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे ने बताया कि मृतक पहले से लीवर की पुरानी बीमारी से ग्रसित था और उसका शनिवार को ऑपरेशन होना था, लेकिन उससे पूर्व ही उसकी मृत्यु हो गई।
निगम और बीएसपी में समन्वय की कमी उजागर
निगम क्षेत्र और बीएसपी के दायित्व क्षेत्रों को लेकर जारी भ्रम के बीच आम जनता असमंजस में है। नगर सेवाएं विभाग के अनुसार कैंप-1 और 2 उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आते हैं, वहीं निगम का दावा है कि उसने पानी की आपूर्ति और नालियों की सफाई में कोई कोताही नहीं बरती है।
स्थिति गंभीर नहीं, लेकिन लापरवाही से संकट बढ़ सकता है
हालांकि फिलहाल स्थिति भयावह नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की लापरवाही और समन्वयहीनता यदि जारी रही, तो आने वाले दिनों में पीलिया संक्रमण बड़े स्तर पर फैल सकता है।