कैंप-2 टाटा लाइन में पीलिया का प्रकोप: झाग उगल रही 75 साल पुरानी पाइपलाइन, निगम-BSP जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे

भिलाई नगर|  कैंप-2 स्थित टाटा लाइन में पीलिया का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते 24 घंटों में क्षेत्र के पांच नए मामले सामने आए हैं, जिनमें सभी बच्चे हैं। 4 जुलाई से जारी इस बीमारी के फैलाव का मुख्य कारण झागयुक्त, बदबूदार और पीला पेयजल बताया जा रहा है, जो बीएसपी और नगर निगम दोनों की पाइपलाइनों से सप्लाई हो रहा है।

75 साल पुरानी पाइपलाइन, जर्जर हालत में

इस इलाके में पानी सप्लाई के लिए 75 साल पहले बिछाई गई पाइपलाइनों का ही उपयोग हो रहा है। टाटा लाइन के 200 से अधिक बीएसपी क्वार्टर्स और 56 अवैध निर्माणों में दोनों एजेंसियों की पानी सप्लाई है। बीएसपी ने वर्षों पूर्व अपनी पुरानी टंकी को तोड़कर नई टंकी तो बना ली, लेकिन पाइपलाइन नहीं बदली। वहीं, निगम की टोटियां बाहर लगी हैं, और पाइपलाइनें नालियों व सीवरेज के पास से होकर गुजरी हैं, जिससे लीकेज की स्थिति में सीवरेज का पानी पेयजल में मिल रहा है।

बीएसपी और निगम के बीच आरोप-प्रत्यारोप

गंभीर स्थिति के बावजूद बीएसपी और निगम दोनों एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। बीएसपी अधिकारियों ने ग्राउंड जांच के दौरान गंदा पानी होने की बात से साफ इनकार कर दिया, जबकि निगम का कहना है कि पानी बीएसपी से आ रहा है, इसलिए उपाय भी वही करें।

सीवरेज लाइन पर अवैध निर्माण, सफाई असंभव

बीएसपी ने क्षेत्र में सीवरेज लाइन मकानों के पीछे बिछाई थी, लेकिन अब उन पाइपलाइनों पर अवैध निर्माण हो गए हैं, जिससे सफाई नामुमकिन हो गई है। अतिक्रमण की वजह से बैकलेन में गंदगी व लीकेज की संभावना बनी हुई है।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि हाल ही में तीन और पीलिया मरीज सामने आए हैं, जिनमें से दो एक ही परिवार से हैं। हालांकि कोई भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं है, लेकिन संक्रमण का फैलाव लगातार हो रहा है। विभाग ने यह भी माना है कि बीमारी का कारण गंदा पानी ही है।

निगम का अस्थायी समाधान: टैंकर और अपील

नगर निगम की ओर से कहा गया है कि जब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकलता, टैंकरों के माध्यम से शुद्ध पानी की आपूर्ति की जा रही है और स्थानीय लोगों से पानी उबालकर पीने की अपील की गई है।

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