छिपकली गिरने का क्या है शास्त्रीय रहस्य? जानिए कब देता है यह शुभ संकेत और कब अशुभ

हमारे आसपास घटने वाली छोटी-छोटी घटनाएं कभी-कभी भविष्य से जुड़े संकेत देती हैं। इन्हें समझना हर किसी के बस की बात नहीं होती, लेकिन ज्योतिष में इनका विश्लेषण शकुन शास्त्र के अंतर्गत किया गया है। शकुन शास्त्र में पशु-पक्षियों की गतिविधियों से जुड़े संकेतों का गहन वर्णन मिलता है, जिनमें छिपकली की गतिविधियां भी शामिल हैं।

घरों में आम है छिपकली की मौजूदगी, लेकिन इसके संकेत नहीं होते सामान्य

आमतौर पर घरों में छिपकली का आना-जाना आम बात है, लेकिन यदि यह किसी व्यक्ति के शरीर पर गिर जाए तो यह कई बार शुभ संकेत देता है और कई बार अनिष्ट की सूचना भी देता है।

ज्योतिष के अनुसार, यदि छिपकली व्यक्ति के शरीर पर अचानक कूदे या गिरे, तो यह आने वाले संकट या सौभाग्य का संकेत हो सकता है।

इन अंगों पर गिरना माने अनिष्टकारी संकेत

  • यदि छिपकली दाहिने बाजू (right arm) पर गिरती है, तो यह धन हानि और संकट का सूचक माना जाता है।
  • नासिका यानी नाक पर छिपकली का गिरना विशेष रूप से अशुभ माना गया है, जिससे रोग, व्याधि और धन हानि हो सकती है।

रेंगने और कूदने में है अंतर

हालांकि ध्यान देने योग्य बात यह है कि यदि छिपकली किसी सोते हुए व्यक्ति के शरीर पर रेंगती है या धीरे से चढ़ती है, तो इसका कोई विशेष फल नहीं होता। केवल कूदने या गिरने की स्थिति में ही यह शुभ-अशुभ फल देती है।

नोट : वैज्ञानिक दृष्टिकोण से छिपकली के गिरने और जीवन में घटने वाली घटनाओं के बीच कोई प्रत्यक्ष संबंध सिद्ध नहीं है। अतः किसी भी निर्णय या निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले तार्किक सोच और व्यावहारिक विवेक का प्रयोग करें।

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