नई दिल्ली | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आम जनता और कारोबारियों को राहत देने के लिए लोन से जुड़े कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। इनमें से तीन नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे, जबकि बाकी पर अभी विचार चल रहा है।
फ्लोटिंग रेट लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए अब तीन साल के लॉक-इन पीरियड से पहले भी EMI कम करने की सुविधा मिलेगी। वहीं, फिक्स्ड रेट लोन वाले ग्राहक अब फ्लोटिंग रेट में स्विच करने का विकल्प भी चुन सकते हैं, जिससे ब्याज दर चुनने में लचीलापन बढ़ेगा।
गोल्ड लोन (Gold Loan) के नियमों में भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब सिर्फ जौहरी नहीं, बल्कि छोटे कारोबारी और कारीगर भी गोल्ड के बदले बैंक से लोन ले सकेंगे। इसके अलावा, गोल्ड मेटल लोन (GML) की रीपेमेंट अवधि 180 दिन से बढ़ाकर 270 दिन की जा सकती है। गैर-निर्माण ज्वेलरी विक्रेता भी इसे आउटसोर्सिंग के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे, जो MSME और ज्वेलरी सेक्टर के लिए लाभकारी साबित होगा।
बैंकों को अब ऑफशोर मार्केट से फंड जुटाने की अनुमति भी दी गई है। बैंक विदेशी मुद्रा या रुपये में बॉन्ड जारी करके पूंजी जुटा सकेंगे, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और वे ज्यादा लोन देने में सक्षम होंगे। विदेशी बैंक शाखाओं पर भी बड़े लोन और इंटर-ग्रुप ट्रांजेक्शन के नए नियम लागू होंगे, जिससे जोखिम कम होगा।
क्रेडिट रिपोर्टिंग में भी बदलाव किए गए हैं। अब बैंक और वित्तीय संस्थान हर हफ्ते क्रेडिट ब्यूरो को डेटा भेजेंगे। इससे रिपोर्ट की गलतियां समय पर सुधारी जा सकेंगी और CKYC नंबर जोड़ने से पहचान प्रक्रिया और आसान होगी।
ये बदलाव आम लोगों और कारोबारियों के लिए लोन लेना आसान और सुरक्षित बनाएंगे, साथ ही वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता और मजबूती को भी बढ़ाएंगे।