नई दिल्ली। देश के मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है। 17,000 करोड़ रुपये की कथित ऋण धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज ईडी अनिल अंबानी से पूछताछ करेगी। 66 वर्षीय कारोबारी दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होकर धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज कराएंगे।
सूत्रों के अनुसार, 1 अगस्त को ईडी ने अनिल अंबानी को समन भेजा था, जिसके बाद उनकी पेशी की तारीख 6 अगस्त तय की गई। अंबानी दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं और एजेंसी के समक्ष पेश होकर सवालों का जवाब देंगे।
ईडी ने पहले ही जारी कर रखा है लुकआउट सर्कुलर (LOC)
ईडी ने अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया हुआ है, जिसके चलते वह जांच अधिकारियों की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जा सकते। यह सर्कुलर वित्तीय अनियमितताओं और कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मद्देनजर जारी किया गया था।
तीन दिन चली थी छापेमारी, 35 ठिकानों पर हुई थी तलाशी
इससे पहले 24 जुलाई से ईडी ने मुंबई में अनिल अंबानी समूह से जुड़ी कंपनियों और अधिकारियों के 35 से अधिक ठिकानों पर तीन दिनों तक छापेमारी की थी। ये ठिकाने रिलायंस ग्रुप की 50 कंपनियों और 25 अधिकारियों से संबंधित थे। एजेंसी को संदेह है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से मिली लगभग 3,000 करोड़ रुपये की लोन राशि का दुरुपयोग किया गया है।
ईडी कर रही है वित्तीय गड़बड़ियों और संदिग्ध निवेश की गहन जांच
ईडी की जांच का फोकस उन वित्तीय अनियमितताओं, संदिग्ध निवेश और ऋण के दुरुपयोग पर है, जिनके जरिए अनिल अंबानी समूह ने कथित रूप से 17,000 करोड़ रुपये के लोन का गलत इस्तेमाल किया। आरोप है कि कई कंपनियों के माध्यम से लिए गए इस लोन का उपयोग अनधिकृत और अनुचित गतिविधियों में किया गया।
एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि किन-किन कंपनियों और अधिकारियों की भूमिका इस पूरे घोटाले में है और किस तरह से धनशोधन की प्रक्रिया अंजाम दी गई।
राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर मामला, कॉर्पोरेट जगत में मचा हलचल
इस हाई-प्रोफाइल मामले ने न सिर्फ कॉर्पोरेट वर्ल्ड में हलचल मचा दी है, बल्कि वित्तीय संस्थानों और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से देखा जा रहा है क्योंकि इससे बैंकों, निवेशकों और देश की आर्थिक पारदर्शिता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
अब सभी की निगाहें ईडी की पूछताछ और आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ेगा।