
जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के वाड्रफनगर जनपद पंचायत कार्यालय में मनरेगा कर्मियों की ईपीएफ (EPF) राशि के गबन का बड़ा मामला सामने आया है। कार्यालय में पदस्थ लेखापाल विरेंद्र यादव और डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह जगते ने मिलकर 83 कर्मचारियों की ईपीएफ राशि से 11 लाख 26 हजार 254 रुपये का गबन कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी निजामुद्दीन खान ने वाड्रफनगर पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में जमा की जाने वाली राशि को आरोपियों ने धोखाधड़ी से भगवान सिंह जगते की पत्नी अंजू सिंह के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया।
जानकारी के अनुसार, मनरेगा योजना के तहत कर्मचारियों की ईपीएफ राशि हेतु संचालित बैंक खाते में ऑनलाइन लेन-देन के लिए जो ओटीपी आता था, वह लेखापाल विरेंद्र यादव के मोबाइल नंबर पर ही जाता था। इसी का फायदा उठाकर दोनों ने मिलीभगत कर यह घोटाला किया।
मामले की जांच के बाद पुलिस ने लेखापाल विरेंद्र यादव और डाटा एंट्री ऑपरेटर भगवान सिंह जगते को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।