नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार देश की अर्थव्यवस्था को और अधिक खुला, पारदर्शी और सरल बनाएंगे। उन्होंने दावा किया कि इन सुधारों से अनुपालन का बोझ कम होगा और छोटे कारोबारियों, स्टार्टअप्स तथा एमएसएमई को बड़ा लाभ मिलेगा।
तमिलनाडु में सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी सुधारों के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स नियमों को आसान बनाने, अनुपालन लागत कम करने और उद्यमियों के लिए एक अधिक सक्षम इकोसिस्टम तैयार करने पर काम करेगी।
जीएसटी दरों पर बड़ी बैठक
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक 3-4 सितंबर को होगी, जिसमें कर दरों में कटौती पर चर्चा होगी। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही स्वतंत्रता दिवस के भाषण में संकेत दे चुके हैं कि दिवाली से पहले आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कमी की जाएगी। उन्होंने इसे देशवासियों के लिए “दोहरी दिवाली” करार दिया था।
बैंकों से की अपील
वित्त मंत्री ने बैंकों से अपील करते हुए कहा कि वे विकास को गति देने और विश्वास कायम करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने जोर दिया कि बैंकिंग तंत्र को सुशासन सुनिश्चित करना चाहिए और “हर रुपए को राष्ट्र निर्माण में लगाना चाहिए।”
भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति
- सीतारमण ने बताया कि
- अप्रैल-जून तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.8% रही।
- 18 वर्षों में पहली बार भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड हुई है।
- पिछले 8 वर्षों में मुद्रास्फीति 1.15% घटी है।
इस साल राजकोषीय घाटा 4.42% रहने का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि जन धन योजना जैसे कार्यक्रमों ने आम लोगों के जीवन में बड़े बदलाव किए हैं और अब तक 56 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं।