अब खारून से बुझेगी: तीन महीने तक बंद होगी गंगरेल से जल आपूर्ति, निगम को हर माह बचेगा 1 करोड़ से ज्यादा

रायपुर | बारिश के चलते छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की जल आपूर्ति व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नगर निगम ने फैसला किया है कि जैसे ही बारिश तेज होती है, शहर को जल आपूर्ति के लिए गंगरेल बांध पर निर्भरता बंद कर दी जाएगी और खारून नदी से ही 320 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) पानी लिया जाएगा। यह व्यवस्था जुलाई, अगस्त और सितंबर—इन तीन महीनों तक लागू रहेगी।

फिलहाल नगर निगम गंगरेल बांध से पानी लेने के लिए सिंचाई विभाग को हर महीने करीब 1.10 करोड़ रुपए का भुगतान करता है। लेकिन मानसून में खारून नदी से जल आपूर्ति होने के कारण निगम को यह खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, जिससे तीन महीने में करीब 3.3 करोड़ रुपए की बचत होगी।

शुद्धिकरण में बढ़ रही चुनौती

फिल्टर प्लांट अधिकारियों के मुताबिक, बारिश के कारण जल स्रोतों में मटमैलापन बढ़ जाता है, जिससे शुद्धिकरण में फिटकरी (एलम) की खपत भी बढ़ रही है।

फिलहाल गंगरेल के पानी के शुद्धिकरण में रोजाना 1.5 टन फिटकरी इस्तेमाल हो रही है।

लेकिन खारून का पानी अधिक गंदा होने के कारण शुद्धिकरण के लिए रोजाना 17-18 टन फिटकरी की जरूरत पड़ेगी।

क्यों नहीं अभी बंद कर रहे गंगरेल से आपूर्ति?

फिल्टर प्लांट के कार्यपालन अभियंता नरसिंग फरेंद्र के अनुसार, “अभी दो-तीन दिन और गंगरेल से पानी लेंगे। अगर अचानक बारिश थम गई तो संकट पैदा हो सकता है। इसलिए जलस्तर स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं।”

काठाडीह इंटेक वेल के पास बनाए गए एनीकट के कारण खारून का जलस्तर सोमवार को 5 से बढ़कर 10 इंच हो गया है। लगातार बारिश जारी रही तो अगले कुछ दिनों में गंगरेल से पानी लेना पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।

पानी की गुणवत्ता पर निगरानी

मानसून में गंदा पानी नलों तक पहुंचने की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम ने 70 वार्डों में 150 से 200 स्थानों से जल सैंपलिंग शुरू कर दी है। फिलहाल सभी सैंपल की रिपोर्ट संतोषजनक बताई जा रही है।

बिजली बिल और खर्च

फिल्टर प्लांट में हर दिन 320 एमएलडी रॉ वॉटर के शुद्धिकरण पर करीब 3.75 करोड़ रुपए प्रति माह बिजली खर्च हो रहा है। ऐसे में पानी की गुणवत्ता बनाए रखना और खर्च नियंत्रित करना दोनों ही प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं।

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