
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में 5 डिसमिल (लगभग 1,360 वर्ग फीट) से कम आकार की कृषि भूमि की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले का उद्देश्य राज्यभर में अवैध प्लॉटिंग पर रोक लगाना और भूमि संबंधी विवादों को कम करना है।
इस संबंध में महानिरीक्षक (पंजीयन) द्वारा सभी जिला पंजीयकों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह आदेश हाल ही में राजपत्र में प्रकाशित ‘छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2025’ के नियमों के तहत लागू किया गया है।
क्या है नया नियम?
अब से राज्य में 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की खरीदी-बिक्री के लिए रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी। हालांकि यह नियम केवल गांवों और कृषि भूमि पर लागू होगा।
शहरी क्षेत्रों में जहां जमीन पहले से ही डायवर्टेड (गैर-कृषि उपयोग हेतु स्वीकृत) होती है, वहां रजिस्ट्री पहले की तरह जारी रहेगी। इस प्रकार, आवासीय और व्यवसायिक प्रयोजन वाली शहरी भूमि इस नियम से अप्रभावित रहेगी।
क्यों लिया गया ये फैसला?
राज्य में बीते वर्षों में 5 डिसमिल से कम भूमि की रजिस्ट्री के ज़रिये अवैध प्लॉटिंग के कई मामले सामने आए थे। इससे न केवल भूमि उपयोग कानूनों का उल्लंघन हो रहा था, बल्कि बुनियादी सुविधाओं के अभाव वाले बस्तियों का भी असंगठित विकास हो रहा था। नए नियम से ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद है।
जियो रिफेरेन्सिंग को मिली कानूनी मान्यता
- संशोधित विधेयक के तहत अब जियो रिफेरेन्सिंग तकनीक को भी कानूनी दर्जा दे दिया गया है।
- इसके तहत पूरे प्रदेश में डिजिटल नक्शे तैयार किए जा रहे हैं।
- यह नक्शे अब कानूनी दस्तावेज माने जाएंगे और सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण जैसे मामलों में कोर्ट और प्रशासनिक कार्यों में मान्य होंगे।
सरकार का उद्देश्य – पारदर्शिता और नियंत्रण
इस फैसले से राज्य में भू-प्रबंधन और राजस्व प्रशासन को आधुनिक व पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। साथ ही इससे भूमि खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी की आशंका भी कम होगी।