छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री पर एक नया टैक्स नियम लागू किया है। अब दोपहिया, चारपहिया और माल वाहन की बिक्री या नामांतरण पर वाहन की मूल शोरूम कीमत के आधार पर 1% टैक्स देना अनिवार्य होगा। बिना टैक्स चुकाए वाहन का नामांतरण नहीं होगा।
उदाहरण के लिए, यदि कोई वाहन 10 लाख रुपये का है तो टैक्स 10,000 रुपये लगेगा, वहीं 20 लाख के वाहन पर 20,000 रुपये टैक्स देना होगा। यह नियम पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री प्रक्रिया को महंगा बनाएगा।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह टैक्स हर बार वाहन की बिक्री या नामांतरण पर लागू होगा। चाहे वाहन कितने भी पुराने हों, मूल शोरूम कीमत के आधार पर ही टैक्स देना होगा। विभाग के ऑनलाइन सिस्टम में इस नियम को अपडेट कर दिया गया है और सभी आरटीओ कार्यालयों में इसकी वसूली शुरू हो गई है।
विशेष रूप से, यह नियम उन लोगों के लिए चुनौती बनेगा जो दूसरे राज्यों से पुराने लग्जरी वाहन खरीदकर छत्तीसगढ़ में नए पंजीकरण के साथ बेचते थे। अब अतिरिक्त टैक्स की वजह से इस कारोबार पर असर पड़ेगा।
राज्य में हर साल करीब 1.5 लाख पुराने वाहन बिकते हैं, जिनमें 55% दोपहिया, 25% कार और 20% बड़े वाहन शामिल हैं। नए टैक्स नियम से न केवल व्यापारी प्रभावित होंगे बल्कि आम खरीदारों को भी अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। परिवहन विभाग का यह कदम राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।