चंडीगढ़। केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को 11 लाख राशन कार्ड रद्द करने का निर्देश जारी किया है। आरोप है कि इन कार्डों से लाभ लेने वाले कई लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं और फिर भी मुफ्त अनाज योजना का फायदा उठा रहे हैं। आदेश के मुताबिक, 30 सितंबर तक इन नामों को सूची से हटाना होगा।
केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्रालय ने बताया कि देशभर में 8 करोड़ से अधिक ऐसे कार्डधारकों की पहचान हुई है जो निर्धारित शर्तों पर खरे नहीं उतरते। इनमें 11 लाख लाभार्थी पंजाब से जुड़े हैं। जांच के दौरान यह सामने आया कि इन लोगों के पास गाड़ियां, जमीन और अन्य सुविधाएं मौजूद हैं।
पंजाब सरकार की आपत्ति
पंजाब सरकार ने केंद्र के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि असली गरीबों को इस प्रक्रिया में नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार का तर्क है कि त्योहारों के समय लोगों को राहत देने के बजाय केंद्र सरकार उन्हें परेशान कर रही है। इस मुद्दे पर कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और पूर्व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र पर निशाना साधा।
राज्य की दलील
राज्य सरकार का कहना है कि धान की कटाई का सीजन शुरू होने वाला है, इसलिए प्रशासनिक स्टाफ पहले से ही व्यस्त है। ऐसे में सभी कार्डों की जांच के लिए अधिक समय चाहिए। पंजाब ने केंद्र से छह महीने का अतिरिक्त समय और संदिग्ध लाभार्थियों का पूरा डेटा उपलब्ध कराने की मांग की है।
अब तक की कार्रवाई
पंजाब सरकार पहले ही 32 हजार से अधिक अपात्र लाभार्थियों के नाम सूची से हटा चुकी है। राज्य में वर्तमान में 41.5 लाख राशन कार्डधारक हैं और लगभग 19,800 डिपो के माध्यम से अनाज वितरण किया जाता है।