
दुर्ग/पद्मनाभपुर। फर्जी व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप के ज़रिए क्रिप्टोकरेंसी में भारी मुनाफा दिलाने का झांसा देकर एक वरिष्ठ नागरिक से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पद्मनाभपुर थाना पुलिस और जिला साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में दो आरोपियों को पंजाब से गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक अन्य आरोपी को नोटिस देकर न्यायालय में प्रस्तुत होने की हिदायत दी गई है।
डॉ. बसंत वर्मा से 62.78 लाख की ठगी
पद्मनाभपुर निवासी 59 वर्षीय डॉ. बसंत वर्मा से फरवरी 2024 से अप्रैल 2024 के बीच 62,78,187 रुपये की ठगी की गई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 420 के तहत अपराध क्रमांक 171/24 दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित कर साइबर सेल व भिलाई-3 पुलिस को पंजाब रवाना किया गया।
गिरफ्तार आरोपी
- साहिल कुमार पिता अशोक कुमार – पंजाब निवासी
- राकेश कुमार पिता अमरजीत लाल – पंजाब निवासी
जांच में सामने आया कि डॉ. वर्मा द्वारा जिन खातों में पैसे भेजे गए थे, उनमें से 14,10,000 साहिल कुमार के भारतीय स्टेट बैंक खाते में जमा हुए, जिसमें से 5,00,000 राकेश कुमार ने अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर किए।
मुख्य साजिशकर्ता का नाम आया सामने
पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस ठगी की साजिश में संदीप यादव नामक व्यक्ति भी शामिल था, जो आलू का थोक व्यापारी है और दोनों पैरों से दिव्यांग है। उसे फिलहाल नोटिस देकर न्यायालय में पेश होने के लिए कहा गया है।
ठगी में इन बैंकों के खातों का हुआ इस्तेमाल
- इंडसइंड बैंक
- आईसीआईसीआई बैंक
- पंजाब एंड सिंध बैंक
- डीबीएस बैंक
- कोटक महिंद्रा बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक
- यस बैंक
आगे की कार्रवाई जारी
पुलिस अब अन्य खाताधारकों और संभावित आरोपियों की जानकारी जुटाने में लगी हुई है। बैंक ट्रांजैक्शन डिटेल्स और डिजिटल सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी और जब्ती की प्रक्रिया को तेज़ किया जा रहा है।