नई दिल्ली। मध्य पूर्व में अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से टेलीफोन पर बातचीत की। इस बातचीत की जानकारी स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट कर बताया, “ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बात की। हमने मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से चर्चा की। हाल ही में बढ़े तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की। आगे बढ़ने के लिए तत्काल तनाव कम करने, बातचीत और कूटनीति के लिए अपना आह्वान दोहराया और क्षेत्रीय शांति को जल्द से जल्द बहाल करने की बात कही।”
इस महत्वपूर्ण बातचीत से कुछ ही घंटे पहले अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स—फोर्डो, नतांज और एस्फाहान—पर सटीक बमबारी की। भारतीय समयानुसार यह हमला रविवार तड़के 4:30 बजे हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले की पुष्टि करते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली सेना को अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“हमने एक टीम के रूप में काम किया, जैसा शायद पहले कभी किसी टीम ने नहीं किया। इजरायल के लिए इस भयानक खतरे को मिटाने की दिशा में हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं।”
अमेरिकी हमले के कुछ ही घंटे बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल पर 30 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने इस हमले की पुष्टि की है। धमाकों की आवाजें सेंट्रल इजरायल में सुनी गईं, जहां आपातकालीन सेवाएं सक्रिय हो गई हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार कई शहरों में इमारतों को नुकसान पहुंचा है, हालांकि हताहतों की संख्या का आधिकारिक ब्यौरा अब तक नहीं आया है।
भारत की कूटनीतिक पहल
इन तीव्र और खतरनाक घटनाक्रमों के बीच प्रधानमंत्री मोदी की यह पहल भारत की संतुलित और शांति-समर्थक विदेश नीति का परिचायक मानी जा रही है। भारत ने हमेशा से क्षेत्रीय स्थिरता और संवाद को प्राथमिकता देने का पक्ष लिया है। ईरान और इजरायल दोनों के साथ भारत के मजबूत संबंध रहे हैं और ऐसे में यह कूटनीतिक प्रयास विशेष महत्व रखता है।