नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 127वें एपिसोड में देशवासियों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने त्योहार, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय संस्कृति और युवा नेतृत्व पर अपने विचार साझा किए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश में दीपावली और छठ पूजा का उत्सव जोरों पर है। उन्होंने अपने पत्रों के जवाब में आए संदेशों का उल्लेख किया और बताया कि देशवासियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और जीएसटी बचत उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लिया। साथ ही उन्होंने घरेलू उत्पादों की खरीद और खाद्य तेल की खपत कम करने के लिए लोगों की पहल की सराहना की।
स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रेरक उदाहरण साझा करते हुए उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन उपलब्ध कराने वाले ‘गार्बेज कैफे’ शुरू किए गए हैं। वहीं बेंगलुरु में इंजीनियर कपिल शर्मा और उनकी टीम ने 40 कुओं और 6 झीलों का जीर्णोद्धार किया और वृक्षारोपण अभियान में स्थानीय लोगों और कॉर्पोरेट्स को शामिल किया। गुजरात के धोलेरा और कच्छ में किए गए मैंग्रोव वृक्षारोपण से समुद्री पारिस्थितिकी में सुधार हुआ है, जिससे डॉल्फिन, क्रैब और प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ी है। प्रधानमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को और आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने भारतीय कुत्तों की नस्लों, उनके प्रशिक्षण और सुरक्षा बलों में उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बीएसएफ और सीआरपीएफ द्वारा देशी कुत्तों को प्रशिक्षित करने और उनके नामों में भारतीयता बनाए रखने की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ में भाग लेने का आमंत्रण दिया। साथ ही उन्होंने भारतीय कॉफी, खासकर ओडिशा की कोरापुट कॉफी और देश के अन्य हिस्सों में कॉफी की विविधता और उसके लाभों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की कॉफी अब विश्व स्तर पर पहचान बना रही है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्ष और इसके महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह गीत मातृभूमि के प्रति कर्तव्य और देशभक्ति की भावना जगाता है। उन्होंने देशवासियों से इसे यादगार बनाने के लिए सुझाव भेजने का आग्रह किया।
साथ ही, प्रधानमंत्री ने संस्कृत भाषा और युवा पीढ़ी द्वारा इसे पुनर्जीवित करने के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भाषा किसी सभ्यता के मूल्यों और परंपराओं की धरोहर है और युवा इसे नए रूप में आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आदिवासी नायकों कोमराम भीम और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करते हुए युवा पीढ़ी से उनसे प्रेरणा लेने और उनके जीवन और कार्यों को जानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ देशवासियों को अपने आसपास के प्रेरक व्यक्तियों और समूहों के बारे में बताने का मंच है। उन्होंने सभी से ऐसे संदेश भेजने का अनुरोध किया और वादा किया कि अगले महीने फिर नए विषयों के साथ ‘मन की बात’ प्रसारित होगी।