
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुंछ में पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में अनाथ हो चुके 22 बच्चों को गोद लेने का बड़ा फैसला लिया है। पुंछ का यह क्षेत्र पाकिस्तान की नापाक हरकतों से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक है, जहां नागरिकों, खासकर बच्चों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
राहुल गांधी ने मई माह में पुंछ का दौरा किया था। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं से गोलीबारी से प्रभावित बच्चों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रशासनिक रिकॉर्ड और सर्वेक्षण के आधार पर इन 22 बच्चों के नामों को अंतिम रूप दिया गया।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी गोलाबारी में मारे गए 12 वर्षीय जुड़वां बच्चों, उरबा फातिमा और ज़ैन अली के सहपाठियों से मिलने क्राइस्ट पब्लिक स्कूल भी पहुंचे थे। इस मुलाकात ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया, जिसके बाद उन्होंने इन बच्चों की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया।
कांग्रेस पार्टी ने भी राहुल गांधी के इस मानवीय पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम सिर्फ इन बच्चों के लिए नहीं, बल्कि पुंछ के हर पीड़ित परिवार के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगा।
गौरतलब है कि पुंछ पाकिस्तान की सीमा से सटे उन संवेदनशील क्षेत्रों में आता है, जहां आए दिन पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम उल्लंघन कर गोलीबारी की जाती है। इस गोलीबारी में कई मासूमों ने अपनी जान गंवाई है या अपने माता-पिता को खो दिया है।
राहुल गांधी ने अपने इस फैसले से पुंछ के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की है।