लोकतंत्र पर खतरा? राहुल गांधी का आरोप- वोटर लिस्ट में धांधली से बदला चुनाव परिणाम

दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत के चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस बार उनका निशाना है SIR यानी ‘सस्पेक्टेड इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन’। राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि देश में बड़े पैमाने पर फर्जी वोटिंग हो रही है और चुनाव आयोग इस पर जानबूझकर चुप्पी साधे बैठा है।

राहुल गांधी ने कहा कि भारत के संविधान की नींव “वोट” है और सबसे पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि केवल वास्तविक और वैध मतदाता ही मतदान कर सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में लाखों फर्जी नाम जोड़े गए हैं और कांग्रेस द्वारा बार-बार डेटा मांगने के बावजूद चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक विस्तृत प्रेजेंटेशन में राहुल गांधी ने कहा,
“महाराष्ट्र में चुनाव चोरी हुआ है। कांग्रेस को हराया गया, लेकिन यह हार सिर्फ राजनीतिक नहीं, लोकतंत्र के साथ धोखा है।”

उनके अनुसार, महाराष्ट्र में करीब 40 लाख संदिग्ध वोटर्स रहस्यमयी तरीके से मतदाता सूची में जोड़े गए हैं। महज पांच महीनों में यह बड़ा बदलाव हुआ, जिसकी कोई पारदर्शिता नहीं रखी गई।

गंभीर आंकड़े और चौंकाने वाले खुलासे:

  • एक ही पते पर 46 वोटर्स दर्ज।
  • कई वोटरों के पिता के नाम में अजीबो-गरीब शब्द।
  • हजारों वोटरों के पते ‘शून्य’।
  • 11 हजार संदिग्ध वोटर्स ने तीन बार वोट डाला।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि “जब हमने चुनाव आयोग से इलेक्ट्रॉनिक डेटा मांगा, तो न हमें डेटा मिला और न ही कोई आधिकारिक जवाब।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि इस मुद्दे को अब सार्वजनिक किया जा रहा है क्योंकि “ये सिर्फ एक चुनावी रणनीति का मसला नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव से जुड़ा सवाल है।”

राहुल ने कहा कि इस मामले को उजागर करने में भले समय लग गया हो, लेकिन अब इस “चोरी” को रोकना अनिवार्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग को इस पर जवाब देना होगा और देश को बताना होगा कि क्या हमारी वोटर लिस्ट पारदर्शी और विश्वसनीय है या नहीं।

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