रक्षाबंधन 2025 : सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाने वाला भाई-बहन का पावन पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 9 अगस्त, शनिवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर 95 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब तिथि, नक्षत्र और योग 1930 जैसी स्थिति में रहेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह पर्व धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहेगा।
इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र, सुरक्षा और समृद्धि की कामना करेंगी। भाई बहन को रक्षा और सहयोग का वचन देंगे। शास्त्रों में राखी बांधने की विशेष विधि और नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से पर्व का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है। राखी बांधते समय तीन गांठें बांधने की परंपरा है, जो त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक मानी जाती है।
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा, लेकिन सुबह 9:08 बजे से 10:47 बजे तक राहुकाल है, इस दौरान राखी बांधना वर्जित रहेगा। शुभ मुहूर्त सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक का रहेगा। कुल मिलाकर 7 घंटे 37 मिनट का शुभ समय बहनों के लिए उपलब्ध रहेगा।
पूजन में थाली, रक्षा सूत्र, रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई और नारियल का उपयोग करना चाहिए। राखी बांधते समय ‘ॐ येन बद्धो बली राजा’ मंत्र का जाप कर भाई की आरती उतारें और मिठाई खिलाएं।