
रायपुर। छत्तीसगढ़ ने डिजिटल प्रशासन की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। अब राज्य में संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह से पेपरलेस हो गई है। 10 जुलाई से ‘माय डीड’ (My Deed) नामक नई ऑनलाइन प्रणाली को सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में लागू कर दिया गया है। इससे नागरिकों को अब तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी, और रजिस्ट्री प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बन सकेगी।
पायलट प्रोजेक्ट से राज्यव्यापी विस्तार तक
इस डिजिटल सिस्टम की शुरुआत पहले रायपुर, नवागढ़, डौंडीलोहारा, नगरी और पथरिया जैसे चुनिंदा क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी। सफल परीक्षण के बाद इसे राज्यभर में विस्तार दे दिया गया है।
अब घर बैठे होगी रजिस्ट्री, बटांकन और नामांतरण भी ऑनलाइन
‘माय डीड’ के जरिए न सिर्फ रजिस्ट्री बल्कि बटांकन (Partition) और नामांतरण (Mutation) की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की जा सकेगी। दस्तावेज़ों की जांच, स्वीकृति और रजिस्ट्री अब नागरिक घर बैठे कर सकेंगे।
राजस्व रिकॉर्ड से जुड़ाव, धोखाधड़ी पर रोक
यह प्रणाली राजस्व विभाग के रिकॉर्ड से जुड़ी हुई है, जिससे भूमि अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। इससे जालसाजी और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं पर लगाम लगने की उम्मीद है।
तकनीकी चुनौतियां भी सामने
हालांकि कुछ जिलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के चलते इसे लागू करने में कुछ तकनीकी चुनौतियां सामने आ रही हैं। बावजूद इसके, रायपुर के पंजीयन कार्यालय के पंजीयक विनोज कोचे के अनुसार, यह सिस्टम बालोद, बलौदाबाजार, बिलासपुर, दुर्ग, रायपुर और नवा रायपुर जैसे प्रमुख जिलों में सुचारू रूप से शुरू कर दिया गया है।
भीड़ घटेगी, काम होगा आसान
‘माय डीड’ प्रणाली के लागू होने से रजिस्ट्री कार्यालयों में भीड़ कम होगी और कर्मचारियों का कार्यभार भी घटेगा। इससे ई-गवर्नेंस और डिजिटल प्रशासन को मजबूती मिलेगी।