बिलासपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत शनिवार को बिलासपुर पहुंचे। सिम्स ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने लोकहितकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध स्वर्गीय काशीनाथ गोरे की स्मारिका का विमोचन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत भारतमाता की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर नमन से की गई। इसके बाद संघ प्रमुख और डॉ. रमन सिंह ने स्व. गोरे को श्रद्धांजलि दी और उनके जनहित कार्यों को याद किया।
“संघ मतलब वसुधैव कुटुम्ब”
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि आरएसएस का शताब्दी वर्ष चर्चा का विषय है, लेकिन इसके पीछे स्वयंसेवकों की वर्षों की तपस्या और अनुशासन है। उन्होंने कहा, “संघ का कार्य सीमित दायरे से शुरू होकर परिवार, पड़ोस, समाज, देश और अंततः संपूर्ण मानवता तक फैला है। यही कारण है कि संघ स्वयंसेवकों के लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना मूल में है।”
उन्होंने काशीनाथ गोरे को सच्चा लोकहितकारी स्वयंसेवक बताते हुए कहा कि सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज सेवा की ओर अग्रसर होना चाहिए।
रमन सिंह ने किए संस्मरण साझा
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब वे चिकित्सक के रूप में कार्य कर रहे थे, तब काशीनाथ गोरे कवर्धा पहुंचे थे। भारतमाता चिकित्सालय से जुड़े सेवा प्रकल्प को उन्होंने आगे बढ़ाया, जो आज शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा प्रोजेक्ट बन चुका है। रमन सिंह ने कहा कि गोरे जी सहज, सरल और सर्वसमावेशी व्यक्तित्व के धनी थे, जिनके दरवाजे सभी समाज के लोगों के लिए हमेशा खुले रहते थे।
भूपेश बघेल पर निशाना
अपने संबोधन में डॉ. रमन सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयानों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि बघेल अक्सर हड़बड़ी में अजीबोगरीब बयान देते हैं। संघ प्रमुख को लेकर उनकी टिप्पणी पर रमन सिंह ने कहा कि, “संघ प्रमुख की बातों को समझने के लिए थोड़ी और बुद्धि चाहिए। प्रधानमंत्री के खिलाफ जिस तरह अपशब्दों का प्रयोग किया गया, वह भी निंदनीय है।”
कार्यक्रम का समापन काशीनाथ गोरे को श्रद्धांजलि और लोकहितकारी कार्यों के प्रति संकल्प के साथ किया गया।