
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रदेश में सियासत गरमा गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट आज रायपुर पहुंचे और सेंट्रल जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मुलाकात की।
जेल से बाहर निकलकर मीडिया से बातचीत में पायलट ने कहा कि चैतन्य बघेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “चाहे कुछ भी हो जाए, कांग्रेस एक कदम पीछे नहीं हटेगी। हम पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेंगे।”
कवासी लखमा की सेहत पर जताई चिंता
सचिन पायलट ने कवासी लखमा की तबीयत को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि लखमा की तबीयत ठीक नहीं है और उन्होंने जेल प्रशासन व अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उनकी चिकित्सा व्यवस्था में कोई कोताही न हो। इसके बावजूद पायलट ने कहा कि “लखमा का हौसला बुलंद है और वे पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं।”
ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप, बीजेपी पर साधा निशाना
पायलट ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि “केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को यह संदेश देना चाहती है कि अगर वे सरकार के खिलाफ बोलेंगे तो उन्हें इसी तरह निशाना बनाया जाएगा।”
पायलट ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों के जरिए कांग्रेस नेताओं की छवि खराब करने की साजिश कर रही है ताकि असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि “कांग्रेस न दबेगी, न झुकेगी। पार्टी अपने हर नेता, कार्यकर्ता और उनके परिवार के साथ खड़ी रहेगी।”
महंत और बैज रहे बैठक से अनुपस्थित, संगठन में दिखी दरार?
सचिन पायलट के दौरे के दौरान राजीव भवन में कांग्रेस नेताओं की अहम बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें सह प्रभारी विजय जांगिड, जरीता लैतफलांग, वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू और शिव डहरिया शामिल हुए।
हालांकि, इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की गैरमौजूदगी ने सियासी हलकों में चर्चाओं को जन्म दे दिया। खासतौर पर बैज की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठे कि क्या संगठन में अंदरूनी असहमति है? सूत्रों के अनुसार, बैज बस्तर दौरे पर हैं और उन्हें पायलट के दौरे की जानकारी देर से दी गई, जिसके चलते वे बैठक में शामिल नहीं हो सके।
कांग्रेस का ‘मासेज टू कैडर’ — पीछे हटना नहीं
पायलट की जेल यात्रा और उनके सख्त बयान को कांग्रेस द्वारा अपने कैडर को यह संदेश देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व संकट की घड़ी में पीछे हटने वाला नहीं है। पायलट ने अपने अंदाज में यह जताया कि कांग्रेस के लिए यह लड़ाई सिर्फ नेताओं की नहीं, बल्कि संगठन की प्रतिष्ठा की लड़ाई है।