
छत्तीसगढ़। सावन माह में आने वाली शिवरात्रि, जिसे सावन शिवरात्रि कहा जाता है, हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व है। वर्ष 2025 में यह पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना और साधना को समर्पित होता है।
श्रावण मास की मासिक शिवरात्रि को पड़ने वाली यह तिथि, भगवान शिव का प्रिय दिन माना जाता है। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में भक्तगण जल, दूध, शहद, गंगाजल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और रातभर जागरण तथा मंत्र जाप का आयोजन होता है।
पर्व का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पावन विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
व्रत और पूजा का उद्देश्य
- कुंवारी कन्याएं इस व्रत को मनचाहा वर प्राप्त करने की कामना से करती हैं।
- विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं।
- सभी भक्त इस दिन ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर शिव कृपा पाने का प्रयास करते हैं।
सावन शिवरात्रि का पर्व न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जन आस्था और भक्ति की शक्ति का भी प्रतीक है। श्रद्धालु इस दिन व्रत, भक्ति, सेवा और साधना के माध्यम से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
शुभकामनाएं:
सभी श्रद्धालुओं को सावन शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। हर-हर महादेव!