नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकसित भारत @2047 का सपना तभी पूरा होगा जब भारतीय कृषि को स्मार्ट, टिकाऊ और लाभदायक बनाया जाएगा। यह बातें उन्होंने नई दिल्ली स्थित पूसा कैंपस के एनपीएल ऑडिटोरियम में आयोजित छठे अंतरराष्ट्रीय एग्रोनॉमी कांग्रेस (IAC-2025) के उद्घाटन समारोह में कहीं। इस कार्यक्रम में भारत और अन्य देशों से 1,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
मंत्री चौहान ने कहा कि भविष्य की कृषि तभी सफल होगी जब देश कम संसाधनों में अधिक उत्पादन कर सके और आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों का संरक्षण कर सके। उन्होंने एग्रोनॉमी को किसानों और शोध के बीच सेतु का विज्ञान बताया और मिट्टी की सेहत सुधार, पानी की दक्षता, जैव विविधता संवर्धन, इको-न्यूट्रिशन और डिजिटल खेती पर जोर दिया।
IAC-2025 डिक्लेरेशन जारी
इस अवसर पर शिवराज सिंह चौहान ने IAC-2025 डिक्लेरेशन भी जारी किया। इसमें कई महत्वपूर्ण सिफारिशें शामिल हैं:
- मिट्टी में कार्बन बढ़ाने के प्रयास
- पानी बचाने वाली खेती को बढ़ावा
- कृषि में AI आधारित डिजिटल समाधान का विस्तार
- प्राकृतिक खेती को मुख्यधारा में लाना
- युवाओं और महिला किसानों के लिए नवाचार कार्यक्रम
यह घोषणा LiFE Mission और भारत के Net-Zero 2070 लक्ष्य के अनुरूप बनाई गई है।
मंत्री चौहान ने कहा कि इन सिफारिशों को राष्ट्रीय नीतियों और क्षेत्रीय कार्य योजनाओं में शामिल किया जाएगा, ताकि वैज्ञानिक प्रगति का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि शोध प्राथमिकताएं किसानों की वास्तविक चुनौतियों के अनुरूप तय की जानी चाहिए।
यह कांग्रेस Indian Society of Agronomy द्वारा ICAR, IARI, NAAS और TAAS के सहयोग से आयोजित की गई है। इसमें FAO, CIMMYT, ICRISAT, IRRI, ICARDA और IFDC जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के विशेषज्ञ भी भाग ले रहे हैं।