नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने अपने हालिया बयानों से केरल की राजनीति में हलचल तेज कर दी है। थरूर ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य राज्य की अर्थव्यवस्था को सुधारना और केरल को निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाना है। उन्होंने साफ किया कि यदि वह इस दिशा में योगदान दे पाए, तो यह उनके लिए किसी भी पद से अधिक महत्वपूर्ण होगा।
निवेश सुरक्षा कानून की जरूरत पर जोर
ईटी वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए थरूर ने कहा कि केरल को एक मजबूत ‘इन्वेस्टर प्रोटेक्शन एक्ट’ की जरूरत है। उनके अनुसार, निवेशकों को भरोसा होना चाहिए कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा। थरूर ने स्पष्ट किया कि व्यवसाय में नुकसान स्वाभाविक है, लेकिन किसी निवेशक को राजनेताओं, अधिकारियों या यूनियनों के कारण हानि नहीं उठानी चाहिए।
उन्होंने राज्य में हड़तालों पर रोक लगाने और अनावश्यक नियमों को 90% तक कम करने की वकालत की।
कर्ज तले दबा केरल, सुधार की जरूरत
थरूर ने चिंता जताई कि केरल भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। उनका कहना है कि सही नीतियों और ठोस सुधारों के जरिए राज्य को निवेश और विकास का केंद्र बनाया जा सकता है।
CM पद पर क्या कहा थरूर ने?
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे मुख्यमंत्री पद की ओर देख रहे हैं, तो थरूर ने कहा – “मैंने कभी किसी पद की चाह नहीं रखी। हमेशा लोगों ने बुलाया और मैंने सेवा की। कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में भी मैंने केवल इसलिए हिस्सा लिया क्योंकि कई लोगों ने मुझसे ऐसा करने को कहा था।”
केरल चुनाव की पृष्ठभूमि
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अगले साल केरल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अगुवाई में एलडीएफ तीसरी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस के लिए यह चुनाव ‘करो या मरो’ जैसी स्थिति माना जा रहा है।
कांग्रेस के भीतर भी नेतृत्व को लेकर मंथन जारी है। थरूर के अलावा वीडी सतीसन, केसी वेणुगोपाल और रमेश चेन्नीथला के नाम भी मुख्यमंत्री पद की संभावित दौड़ में गिने जा रहे हैं।