नई दिल्ली। पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन सर्व पितृ अमावस्या या महालया अमावस्या कहलाता है। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है और यह 14 दिन तक चलेगा। इस पावन अवसर पर लोग अपने पितरों को तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, दान और ब्राह्मण भोज के माध्यम से स्मरण करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और संतान को सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, पितृ पक्ष के अंतिम दिन किए गए कुछ उपाय विशेष फलदायी माने जाते हैं।
नाराज पितरों को खुश करने के उपाय
- तर्पण करें – स्नान के बाद कुशा, सफेद फूल और काले तिल से पितरों को तर्पण दें। कुशा के पोरों से किया गया तर्पण सीधे पितरों तक पहुंचता है और वे तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं।
- पंचबलि कर्म – इस दिन बने भोजन का अंश कौए, गाय और कुत्ते को खिलाना चाहिए। मान्यता है कि इन माध्यमों से पितरों तक भोजन पहुंचता है और वे प्रसन्न रहते हैं।
- पितृ सूक्त का पाठ – पितरों के देव अर्यमा की पूजा कर पितृ सूक्त का पाठ करने से नाराज पितर भी प्रसन्न होकर संतान को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं।
- अन्न दान – पितृ ऋण और पितृ दोष से मुक्ति के लिए अन्न दान विशेष फलदायी माना गया है। अन्न का दान करने से पितर तृप्त होकर उन्नति का आशीर्वाद देते हैं।
- गाय का दान – गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या के दिन गाय का दान करने से पितर वैतरणी नदी पार करने में सफल होते हैं और कष्टों से मुक्ति पाते हैं।