बाबा चैतन्यानंद सरस्वती का काला सच उजागर, पुलिस ने बरामद किए आपत्तिजनक सामान और फर्जी दस्तावेज

नई दिल्ली: खुद को संत बताने वाले चैतन्यानंद सरस्वती पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे उसके काले राज सामने आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में उसके संस्थान और आश्रम की तलाशी ली, जिसमें कई आपत्तिजनक वस्तुएं और दस्तावेज बरामद हुए।

तलाशी में बरामद सामान

पुलिस के अनुसार, तलाशी के दौरान एक सेक्स टॉय, कुछ सीडी जिनमें अश्लील सामग्री होने का संदेह है, और अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ फर्जी तस्वीरें मिलीं। इन तस्वीरों का उपयोग चैतन्यानंद कथित तौर पर लोगों पर प्रभाव डालने और खुद को वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण व्यक्ति दिखाने के लिए करता था।

फरारी और ठिकाने

अगस्त में मामला दर्ज होने के बाद आरोपी करीब दो महीने तक फरार रहा। जांच में सामने आया कि फरारी के दौरान वह उत्तराखंड के बागेश्वर और अल्मोड़ा जैसे इलाकों में ठहरा था। अब पुलिस वहां भी जांच कर रही है और स्थानीय सूत्रों से जानकारी जुटा रही है।

मोबाइल से मिले सबूत

इससे पहले भी उसके मोबाइल फोन से कई युवतियों के साथ आपत्तिजनक चैट, एयरहोस्टेस और छात्राओं की तस्वीरें, साथ ही निजी डीपी के स्क्रीनशॉट मिले थे। कई संदेश डिलीट किए गए थे, जिन्हें रिकवर करने की प्रक्रिया जारी है।

सेक्स रैकेट से जुड़ाव का शक

चैट्स में इस बात के भी संकेत मिले हैं कि आरोपी किसी सेक्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है। एक संदेश में उसने कथित तौर पर छात्रा पर दबाव बनाया कि वह किसी को “दुबई भेजे”।

पूछताछ में टालमटोल

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ने बार-बार गोलमोल जवाब दिए। वह केवल दबाव पड़ने पर ही कुछ स्वीकार करता था। पुलिस का कहना है कि जांच आगे बढ़ने के साथ नए-नए राज और सबूत सामने आ रहे हैं।

यह मामला लगातार सनसनीखेज मोड़ ले रहा है और पुलिस की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

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