भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल में अब मृत शरीर से स्किन निकालने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। यह सुविधा पूरे देश में सिर्फ मुंबई के नेशनल बर्न सेंटर, एरोली के बाद यहां उपलब्ध होगी। इससे पहले ही प्रदेश का पहला और देश का तीसरा स्किन बैंक संचालित करने वाला यह अस्पताल अब ट्रेनिंग सेंटर के रूप में भी विकसित हो रहा है।
विश्व अंगदान जागरूकता कार्यक्रम में पहुंचे नेशनल बर्न सेंटर, मुंबई के डायरेक्टर डॉ. सुनील केसवानी ने बताया कि सेक्टर-9 की बर्न यूनिट और स्किन बैंक को इस दिशा में सशक्त बनाया जाएगा, ताकि प्रदेशभर के डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए मुंबई न जाना पड़े। इससे अधिक संख्या में डॉक्टर स्किन डोनेशन तकनीक में दक्ष होंगे।
बर्न मरीजों को होगा सीधा लाभ
विशेषज्ञ डॉक्टरों के प्रशिक्षण के बाद प्रदेश के तीनों स्किन बैंक में पर्याप्त स्किन उपलब्ध होगी। इससे बर्न मरीजों की झुलसी हुई स्किन को हटाकर नई स्किन लगाई जा सकेगी, जिससे मरीज को बाहरी संक्रमण से बचाव, तेज रिकवरी और दवाओं की कम जरूरत होगी।
स्किन डोनेशन की प्रक्रिया
डॉ. उदय कुमार ने बताया कि मृत्यु के छह घंटे के भीतर स्किन डोनेशन संभव है, जबकि बॉडी फ्रीजर में होने पर यह अवधि 12 घंटे तक बढ़ जाती है। सामान्यतः स्किन जांघ से निकाली जाती है और ढक दी जाती है, जिससे बाहरी रूप में कोई बदलाव नहीं दिखता। इच्छुक व्यक्ति पहले से फॉर्म भर सकते हैं या परिजनों की सहमति से भी दान संभव है।
उन्होंने कहा कि मृत शरीर से ली गई स्किन कई बर्न मरीजों की जान बचा सकती है। परिजन मृत्यु के छह घंटे के भीतर अस्पताल टीम को सूचना दें तो टीम घर जाकर स्किन डोनेशन प्रक्रिया पूरी कर सकती है।