नई दिल्ली। साल 2025 का आखिरी चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात लगने जा रहा है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसकी कुल अवधि लगभग 3 घंटे 30 मिनट की होगी। भारत सहित कई अन्य देशों में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
ग्रहण की शुरुआत रात 9 बजकर 57 मिनट पर होगी। इसके बाद रात 11 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक इसका पूर्णकाल चलेगा, यानी करीब 1 घंटे 22 मिनट तक लोग इसे देख पाएंगे।
सूतक काल का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व ही सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। इस आधार पर, 7 सितंबर को सूतक काल दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगा।
सूतक काल में पालन किए जाने वाले नियम
- शुभ कार्य वर्जित: सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और किसी भी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते।
- मूर्ति स्पर्श निषेध: इस दौरान भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करना वर्जित है।
- भोजन निषेध: ग्रहण काल में खाना-पीना मना होता है। हालांकि, कुछ लोग भोजन में तुलसी के पत्ते या दूर्वा डालकर उसे सुरक्षित मानते हैं।
- दान-पुण्य का महत्व: ग्रहण के समय दान-पुण्य और जप-तप को अत्यंत शुभ माना जाता है।
- साफ-सफाई आवश्यक: ग्रहण समाप्त होते ही घर और मंदिरों की शुद्धि-सफाई की जाती है।
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि यह चंद्र ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाला होने के कारण सूतक काल और उससे जुड़े नियम यहां पूरी तरह मान्य होंगे।