तीन नए चेहरे आज सुबह लेंगे शपथ, दिल्ली बैठक में होगा विभागों का फैसला

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से चल रही मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर विराम लग गया है। आज सुबह 11 बजे राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा, जिसमें तीन नए चेहरे मंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके बाद तीनों मंत्री दिल्ली रवाना होंगे, जहां भाजपा हाईकमान और केंद्रीय नेतृत्व के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी।

तीनों नए मंत्री

गुरु खुशवंत साहेब (आरंग विधायक) – सतनामी समाज से ताल्लुक रखने वाले खुशवंत साहेब, गुरु बालदास के उत्तराधिकारी हैं। भाजपा संगठन मानता है कि उनकी एंट्री से अनुसूचित जाति वर्ग, विशेषकर सतनामी समाज में पकड़ मजबूत होगी।

राजेश अग्रवाल (अंबिकापुर विधायक) – पूर्व डिप्टी सीएम टी.एस. सिंहदेव को हराने वाले अग्रवाल वैश्य समाज से आते हैं। वैश्य समाज को प्रतिनिधित्व देने और सरगुजा की राजनीति में भाजपा की पकड़ बढ़ाने के लिए इन्हें मंत्री बनाया जा रहा है।

गजेंद्र यादव (दुर्ग विधायक) – आरएसएस पृष्ठभूमि से जुड़े गजेंद्र यादव राज्य के यादव समाज का बड़ा चेहरा हैं। साहू समाज के बाद यादव समाज की सबसे बड़ी जनसंख्या है, लिहाजा उनकी ताजपोशी लगभग तय मानी जा रही थी।

राजनीतिक संदेश

साय सरकार के इस मंत्रिमंडल विस्तार से साफ है कि भाजपा जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने पर जोर दे रही है। अनुसूचित जाति, वैश्य और यादव समाज को प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने अपने कोर वोट बैंक को साधने की रणनीति अपनाई है।

राजभवन और मुख्यमंत्री के संकेत

राज्यपाल रमेन डेका और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव के हालिया बयानों ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि “कुछ बड़ा होने वाला है।” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी कहा था कि इंतजार की घड़ी खत्म होने वाली है। आज तीन मंत्रियों की शपथ से इन बयानों पर मुहर लग गई है।

नई गाड़ियां तैयार

स्टेट गैरेज में नए मंत्रियों के लिए सफेद फॉर्च्यूनर गाड़ियां तैयार की गई हैं। दो गाड़ियों के नंबर सामने आ चुके हैं – CG 02 AF 0009 और CG 02 AV 0005, जबकि तीसरी गाड़ी अभी ट्रायल पर है।

संभागवार मंत्रियों की स्थिति

  • सरगुजा संभाग – 5 मंत्री
  • बिलासपुर संभाग – 3 मंत्री
  • दुर्ग संभाग – 3 मंत्री
  • रायपुर संभाग – 2 मंत्री (आरंग से खुशवंत सिंह शामिल)
  • बस्तर संभाग – 1 मंत्री

वरिष्ठ नेताओं को निराशा

रमन सरकार में मंत्री रहे अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, लता उसेंडी, विक्रम उसेंडी, पुन्नूलाल मोहिले और धरमलाल कौशिक जैसे वरिष्ठ नेताओं को इस बार मौका नहीं मिला है। साय सरकार ने नए और युवा चेहरों पर भरोसा जताते हुए अपना राजनीतिक संतुलन साधा है।

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