“भिलाई। दुर्ग जिले के भिलाई चरोदा स्थित डीबी यार्ड के पास शुक्रवार सुबह लगभग पौने 11 बजे ट्रेन हादसे की खबर से हड़कंप मच गया। भिलाई मार्शलिंग यार्ड से लगे उरला दुग्ध संयंत्र के पास स्पेशल पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी डिरेल होने के बाद आग लग गई। सूचना पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने बीएसपी फायर ब्रिगेड, आरपीएफ और रेलवे की दुर्घटना राहत टीम के साथ मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान डिरेल बोगी का छत काटकर 25 से 30 गंभीर व आंशिक रूप से घायल यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और मौके पर प्राथमिक उपचार देकर नजदीकी अस्पताल भेजा गया।

दरअसल यह कोई यह घटना सही नहीं बल्कि मॉकड्रिल था। इस बात की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे लोगों ने राहत की सांस ली। मॉकड्रिल के दौरान अधिकारियों ने यात्रियों के बचाव व राहत कार्यों का अवलोकन किया। इससे पहले रेलवे की ओर से आपातकालीन सायरन बजने लगा। रेलवे की ओर से बीएमवाय उरला से लगे दुग्ध संयंत्र के पास स्पेशल पैसेंजर ट्रेन के डिरेल हो जाने की सूचना प्रसारित की गई। इसके साथ ही सरकारी मशीनरी एक्टिव हो गई और एडीआरएम बजरंग अग्रवाल सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। आरपीएफ, रेलकर्मी, पुलिस, मेडिकल टीम, एम्बुलेंस, बीएसपी फायर बिग्रेड, एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें मौके पर पहुंची।

बचाव कार्य के लिए वृहद स्तर पर ऑपरेशन चलाया
इसके बाद बचाव कार्य के लिए वृहद स्तर पर ऑपरेशन चलाया गया। डिरेल हुई बोगी के अंदर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों ने ऊपर छत को काटकर रास्ता बनाया। फिर घायल यात्रियों को मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भेजा गया। इस दौरान आरपीएफ की टीम ने डॉग स्क्वायड के साथ डिरेल हुई बोगी का बारीकी से निरीक्षण किया। दुर्घटनाग्रस्त बोगी से आग की लपटे निकल रही थी। जिसे फायर ब्रिगेड की टीम ने पानी की बौछार करते हुए काबू में किया। तो एक संदिग्ध बैग मिला। बम निरोधक ने भी बारीकी से डिरेल हुई बोगी की तलाशी ली। लोगों को राहत तब मिली, जब पता चला कि यह एक मॉकड्रिल था।”