नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में हालिया सीजफायर के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा और सख्त बयान सामने आया है। उन्होंने दोनों देशों पर नाराजगी जताते हुए सीजफायर उल्लंघन के लिए इजरायल को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया।
“इजरायल, उन बमों को मत गिराओ” – ट्रंप
नाटो शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले वाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा,
“मुझे यह बिल्कुल पसंद नहीं आया कि इजरायल ने संघर्षविराम पर सहमति जताने के तुरंत बाद हमला कर दिया। यह एक बड़ा उल्लंघन है। इजरायल, उन बमों को मत गिराओ। अपने पायलटों को तुरंत घर वापस बुलाओ।”
इजरायल की आलोचना, ईरान से भी असंतोष
डोनाल्ड ट्रंप ने जहां इजरायल पर तीखी टिप्पणी की, वहीं ईरान को लेकर भी कहा कि
“ईरान को अब कभी भी अपना परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू नहीं करना चाहिए।”
हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह इजरायल से ज्यादा नाराज हैं।
ईरान-इजरायल पर आरोप-प्रत्यारोप
इजरायल ने पहले आरोप लगाया था कि ईरान ने संघर्षविराम का उल्लंघन किया, लेकिन ईरान ने इसे खारिज करते हुए कहा कि “हमने आखिरी मिसाइल तब दागी थी जब बीयरशेवा पर हमला हुआ था, जो सीजफायर की घोषणा से पहले की घटना थी। यह आत्मरक्षा का कदम था।”
ईरानी पक्ष ने कहा कि सीजफायर की शर्तों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ।
इस संघर्षविराम में कतर की भूमिका भी अहम रही है। सूत्रों के अनुसार कतर ने मध्यस्थता के ज़रिए दोनों पक्षों के बीच सीजफायर समझौते को मुमकिन बनाया, लेकिन हालिया घटनाक्रम के बाद यह समझौता अब संदेह के घेरे में आ गया है।