
दुर्ग। नारायणपुर की तीन लड़कियों को धर्म परिवर्तन कर नन की ट्रेनिंग और नौकरी का प्रलोभन देने के मामले में रेलवे पुलिस ने दो ईसाई नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को 8 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
रेलवे पुलिस को सूचना मिली थी कि बस्तर क्षेत्र की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी की साजिश के तहत दुर्ग रेलवे स्टेशन से आगरा भेजा जा रहा है। भिलाई निवासी रवि निगम की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की। पुलिस ने ननों के खिलाफ धारा 143 BNS और छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
विवेचना के दौरान लड़कियों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें उन्होंने धर्म परिवर्तन के बदले अस्पताल में नर्स की ट्रेनिंग और नौकरी का लालच देने की बात कबूली। आरोपी कोई वैध दस्तावेज अथवा पंचायत की अनुमति प्रस्तुत नहीं कर पाए। वित्तीय लेनदेन की भी जानकारी सामने आई है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एक टीम को नारायणपुर भेजा गया है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि एफआईआर के लिए पर्याप्त आधार है और जांच में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
वहीं, परिवार के कुछ सदस्यों ने जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों का खंडन किया है। मिडिया से चर्चा में पीड़िता की बड़ी बहन ने कहा कि उसने ही अपनी बहन को ननों के साथ भेजा था ताकि उसे नौकरी मिल सके और वह आत्मनिर्भर बन सके।
घटना के बाद मामला केरल तक पहुंच गया है। केरल भाजपा महामंत्री एंटनी ने रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली है।
जांच जारी है और पुलिस विधिसम्मत साक्ष्य संकलन में जुटी है।