टोक्यो। जापान के राजनीतिक इतिहास में शनिवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ, जब साने ताकाइची को सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने अपना नया नेता चुना। इस जीत के साथ ही 64 वर्षीय ताकाइची जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं।
प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के 7 सितंबर को इस्तीफा देने के बाद खाली हुए पद के लिए LDP अध्यक्ष का चुनाव हुआ। पांच उम्मीदवारों के बीच मुकाबला खासकर ताकाइची और कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी के बीच रहा। पहले दौर में कोई बहुमत नहीं बना, जिसके बाद रनऑफ वोटिंग हुई और निर्णायक दौर में ताकाइची ने शिंजिरो कोइजुमी को हराकर पार्टी की कमान संभाली।
साने ताकाइची जापान की मुखर और संरक्षणवादी (Conservative) नेता मानी जाती हैं। वे जापान के संविधान में बदलाव, ताइवान के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने, और विवादास्पद यासुकुनी मंदिर में नियमित रूप से जाने की समर्थक रही हैं। उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को अगले 10 साल में दोगुना करने की महत्वाकांक्षी योजना भी पेश की है।
ताकाइची की प्रधानमंत्री बनना भारत के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे भारत को ‘स्पेशल स्ट्रैटेजिक पार्टनर’ मानती हैं और क्वाड (Quad) तथा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने पर जोर देती रही हैं।
अक्टूबर के मध्य में संसद में औपचारिक मतदान के बाद ताकाइची पद की शपथ लेंगी। प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें कई बड़ी कूटनीतिक चुनौतियों का सामना करना होगा। इनमें सबसे अहम होगा अक्टूबर के अंत में दक्षिण कोरिया में होने वाले APEC सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात, जहां जापान पर रक्षा खर्च बढ़ाने का दबाव बनाया जा सकता है।