बिजली सरप्लस राज्य में अंधेरा क्यों? दुर्ग में अरुण वोरा का भाजपा पर हमला

दुर्ग | राज्य की भाजपा सरकार द्वारा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की “हाफ बिल योजना” में बड़ा बदलाव करते हुए 400 यूनिट से घटाकर सिर्फ 100 यूनिट तक सीमित करने के फैसले ने प्रदेश की जनता में आक्रोश पैदा कर दिया है। इस निर्णय से 53 लाख उपभोक्ता सीधे प्रभावित होंगे, जिन्हें पहले बिजली बिल में भारी राहत मिलती थी।

भाजपा सरकार के इस कदम के विरोध में कांग्रेस ने 7 अगस्त को प्रदेशभर में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन, पुतला दहन और प्रेस वार्ताओं का आयोजन किया। दुर्ग शहर में हुए जनांदोलन में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण वोरा ने भाग लेते हुए इसे जनता के साथ सीधा विश्वासघात बताया। उन्होंने कहा —
“यह केवल नीति बदलाव नहीं, बल्कि आम आदमी के विश्वास और जीवन स्तर पर सीधा प्रहार है। भाजपा सरकार को दो साल भी नहीं हुए और यह चौथी बार है जब बिजली बिल बढ़ाकर जनता को झटका दिया गया है। बिजली सरप्लस राज्य में महंगी बिजली जनता के साथ अन्याय है।”

वोरा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के समय 400 यूनिट तक 50% छूट मिलती थी, जिससे गरीब, निम्न-मध्यम वर्ग और श्रमिक परिवारों को राहत मिलती थी, लेकिन भाजपा ने यह लाभ खत्म कर कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस फैसले को हर स्तर पर चुनौती देगी।

आंदोलन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को लालटेन और चिमनी भेंट कर प्रतीकात्मक विरोध जताया, ताकि उन्हें यह एहसास दिलाया जा सके कि उनकी नीतियों से प्रदेश अंधकार में डूब रहा है। हाथों में तख्तियां लेकर कार्यकर्ताओं ने बिजली कटौती और महंगी दरों के खिलाफ नारेबाजी की।

पूर्व महापौर आर. एन. वर्मा ने भी कहा कि 400 यूनिट से 100 यूनिट तक राहत घटाना तानाशाही है और यह निर्णय जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

इस आंदोलन में दुर्ग शहर कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल, दुर्ग ग्रामीण अध्यक्ष राकेश ठाकुर, पूर्व विधायक प्रतिभा चंद्राकर, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र साहू, पूर्व महापौर धीरज बकलीवाल, जिला-ब्लॉक स्तर के नेता, पार्षद, पूर्व पार्षद, सोशल मीडिया पदाधिकारी, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, सेवा दल और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *