‘जूते उतारकर मारेंगे…’ CM और डिप्टी CM के अधिकारियों की भिड़ंत से कांग्रेस में मचा बवाल, अब क्या कदम उठाएगा आलाकमान?

नई दिल्ली। कर्नाटक भवन में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के विशेष अधिकारियों के बीच हुई झड़प ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। उपमुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी अंजनेया ने मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी मोहन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

अंजनेया ने अपनी शिकायत में कहा है कि मोहन कुमार उन्हें लगातार उनके कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोक रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन कुमार ने स्टाफ सदस्य प्रमिला और अन्य लोगों की मौजूदगी में उन्हें धमकाया और शारीरिक हमला करने की कोशिश की। अंजनेया का कहना है कि मोहन कुमार ने उन्हें खुलेआम धमकी दी कि वह अपने जूते उतारकर उन्हें पीटेंगे।

“मेरे साथ अगर कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए मोहन कुमार जिम्मेदार होंगे।” — अंजनेया

अंजनेया ने कहा कि वह एक ग्रुप बी अधिकारी हैं और वर्तमान में उपमुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोहन कुमार के सेवा रिकॉर्ड की जांच की जाए तो यह सामने आएगा कि उन्होंने पूर्व में एम.एम. जोशी नामक अधिकारी पर भी हमला किया था।

पदोन्नति में बाधा और कर्तव्यों में हस्तक्षेप के आरोप

अंजनेया ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के विशेष अधिकारी होने के अहंकार में मोहन कुमार प्रशासन में अपनी मनमानी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही वह सेवा में वरिष्ठ हैं, फिर भी मोहन कुमार ने उन्हें प्रभारी लेखाकार के रूप में कार्य करने से रोक दिया।

विभागीय जांच की मांग

अंजनेया ने मोहन कुमार के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि मोहन कुमार ने उनके कर्तव्यों में बाधा डाली, पदोन्नति से वंचित किया, अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उन पर हमला करने का प्रयास भी किया।

राजनीति में उठा भूचाल, भाजपा ने साधा निशाना

इस घटना ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के भीतर नेतृत्व संघर्ष की बहस को फिर से हवा दे दी है। कर्नाटक भाजपा ने इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच चल रही खींचतान अब सार्वजनिक रूप ले चुकी है और इसने प्रशासन की गरिमा को भी नुकसान पहुंचाया है।

भाजपा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब विशेष अधिकारी ही आपस में भिड़ रहे हैं तो प्रदेश का प्रशासन कैसे सही ढंग से चलेगा।

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