Ganesh JI pooja : मान्यता है कि भगवान गणेश के साथ-साथ सूर्य देव की उपासना करना अत्यंत फलदायी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा माना गया है और उनकी स्थिति व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। इसलिए गणेश चतुर्थी पर बप्पा की पूजा के साथ सूर्य देव की आराधना करना भी शुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र में सूर्य देव की विभिन्न प्रकार की प्रतिमाओं का विशेष महत्व बताया गया है। घर में इनकी स्थापना न केवल सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है बल्कि परिवार के सदस्यों को सौभाग्य, सम्मान और उन्नति भी प्रदान करती है।
अलग-अलग प्रतिमाओं का महत्व
- लकड़ी की प्रतिमा– निरंतर पूजा करने से समाज में मान-सम्मान और भाग्य का साथ मिलता है।
- मिट्टी की प्रतिमा– जिनकी कुंडली में सूर्य दोष हो, उनके लिए यह प्रतिमा बाधाओं को दूर कर कार्यों में सफलता दिलाती है।
- तांबे की प्रतिमा– घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने और परेशानियों से छुटकारा पाने में सहायक।
- चांदी की प्रतिमा– कार्यक्षेत्र में अधिकार और प्रभाव बढ़ाने के लिए लाभकारी।
- सोने की प्रतिमा– घर में धन, सुख और समृद्धि का संचार करती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गणेश और सूर्य देव की संयुक्त उपासना जीवन में संतुलन, सफलता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।