छतरपुर | दो आईएएस अधिकारियों को न्यायालय के आदेश की अवमानना करना भारी पड़ा है। अफसरशाही में न्यायालय के आदेश को भूला बैठे कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ अब जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।जबलपुर हाईकोर्ट ने दो आईएएस अफसर को 7 दिन कैद की सजा सुनाई है।
अधिकारियों द्वारा छतरपुर के ब्लॉक संविदा समन्वयक को नौकरी से निकालने का मामला है। तत्कालीन कलेक्टर शैलेंद्र सिंह और जिला पंचायत सीईओ अमर बहादुर सिंह इस पूरे मामले में शामिल है। अधिकारियों द्वारा संविदा कर्मी के ट्रांसफर के बाद उसे टर्मिनेट किया गया था। हाई कोर्ट में याचिका के बाद टर्मिनेट पर स्टे लगा था। कोर्ट ने संविदा कर्मी को नौकरी पर वापस रखने के निर्देश दिए थे। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी कर्मचारी को नौकरी पर नहीं रखा गया।
जिसमें कोर्ट ने इस न्यायालय की अवमानना का मामला माना। कोर्ट के निर्देश के बाद कहा जा सकता है कि सरकारी महकमें की लचर कार्य प्रणाली और अव्यवस्था इस कदर बढ़ चुकी है कि अब नौकरशाह न्यायालय के आदेशों की अवहेलना भी करने लगे हैं। नौकरशाही के खिलाफ कोर्ट का यह सख्त निर्देश देखने को मिला है। कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी संविदा कर्मी को नौकरी पर नहीं रखा।
और कोर्ट के निर्देशों की लगातार अवमानना की गई। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को कोर्ट से ही जेल भेज दिया। दोनों अधिकारियों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। कहा जा सकता है कि कोर्ट ने यह मैसेज देने की कोशिश की है कि यदि कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की जाती है तो इस तरह की सजा भी बड़े अधिकारियों को दी जा सकती है।