भिलाई, छत्तीसगढ़। भिलाई का ऐतिहासिक मैत्रीबाग, जो 1972 से अस्तित्व में है, अब बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहा है। बीते 53 वर्षों से यहां का टिकट संचालन पूरी तरह भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के कर्मचारियों के हाथों में रहा है। लेकिन अब पहली बार बीएसपी प्रबंधन ने टिकट काउंटर को निजी हाथों में देने का फैसला लिया है।
जानकारी के अनुसार, मैत्रीबाग में हर माह औसतन 1 लाख पर्यटक पहुंचते हैं। प्रत्येक पर्यटक 20 रुपये का टिकट लेता है, जिससे सालाना करीब 2.40 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। फिलहाल ठेका जेम पोर्टल के माध्यम से निविदा प्रक्रिया के जरिए किया गया है। गुरुवार को टेंडर का अंतिम दिन था और देशभर से एजेंसियों ने इसमें हिस्सा लिया।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच यह आशंका भी जताई जा रही है कि निजी हाथों में टिकट संचालन जाने के बाद टिकट दरें बढ़ सकती हैं। साथ ही बुजुर्गों और महिलाओं को रियायती टिकट देने की मांग भी उठ रही है।
बीएसपी प्रबंधन का कहना है कि इस कदम से पर्यटकों को बेहतर सुविधा और पारदर्शी सेवा मिल सकेगी। आने वाले दिनों में निविदा ओपन होने के बाद तय होगा कि नई एजेंसी कौन होगी और किस तरह से टिकट प्रबंधन करेगी।